लंदन| गुरुवार को भारत सरकार के ब्रिटिश हाई कमीशन को लेटर लिखकर माल्या के डिपोर्टेशन की मांग के बाद एक इंटरव्यू में विजय माल्या ने कहा है कि वे किसी भी हालत में यूके को नहीं छोड़ेंगे। उन्होनें कहा है कि वे यूके में सेफ महसूस करते हैं। अरेस्ट कर बैंकों को पैसा नहीं मिलने वाला। वे अब भी बैंकों से अच्छा सेटलमेंट चाहते हैं।
माल्या ने अपने इंटरव्यू में कहा, ”हम हमेशा से बैंकों से बातचीत करते रहे हैं। हम इस मसले को सेटल करना चाहते हैं। लेकिन हम रिजनेबल नंबर पर इसे सेटल करना चाहते हैं जिसे हम अफोर्ड कर सकें। मेरा पासपोर्ट लेकर या मुझे अरेस्ट करके उन्हें कोई पैसा नहीं मिलने वाला। मैं मजबूरी से एक्साइल में रहने को मजबूर हूं। मेरा ब्रिटेन छोड़कर जाने का कोई इरादा नहीं है”।
माल्या ने कहा कि, ‘मैं किंगफिशर से फंड डाइवर्ट या उससे प्रॉपर्टी खरीदने का का गुनहगार नहीं हूं। मुझ पर लगे आरोप गलत हैं। भारत में आज माहौल समझने की जरूरत है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया न सिर्फ ओपिनियन बनाने में बड़ा रोल अदा कर रहा है, बल्कि वह एक हद तक सरकार को भड़काने का भी काम कर रहा है’।
माल्या ने कहा कि, ‘मुझे मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है। वे नहीं मानते कि उनके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी होने या पासपोर्ट कैंसल किए जाने में मोदी का कोई हाथ है। मैं इस स्टेबल गवर्नमेंट से खुश हूं। मुझे तब और खुशी होगी जब मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत मिलेगा।”
देशभक्ति के सवाल पर माल्या ने कहा कि, ‘मैं देशभक्त हूं। तिरंगा फहराने पर गर्व महसूस होता है। लेकिन मुझे लेकर जिस तरह का माहौल बनाया गया है, मैं यूके में सेफ फील करता हूं’।
हम आप को बता दें की माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ बकाया है। उन्होंने किंगफिशर एयरलाइन्स के लिए बैंकों से कर्ज लिया था। एयरलाइन्स तो 2012 में बंद हो गई। लेकिन उन्होंने लोन नहीं चुकाया। इस बीच उन्होंने लोन के पैसे से विदेशों में प्रॉपर्टी भी खरीदी।